Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana - An Overview
किताबें, कहानियां, कविताओं के काफी करीब है, या तो बोलती नहीं है और जब बोलती है तो चुप नहीं होती। लिखना शौक है और पेशा भी।
दूसरों पर भरोसा न होने के कारण भी डर की उत्तपत्ति होती है। एक दूसरे के बीच की दूरी किसी भी परिवार या समाज में अविश्वास और भय को जन्म देती है एवं विकास के लिए नुकसानदायक होती है।
कुछ समय के लिए आप निडर हो जाते हैं और आपको लगता है की वाह यार ये तो बहुत ही अच्छी चीज़ें हैं.
ध्यान-साधना हमारे मन को शांत करते हैं और किसी भी परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देते हैं। यह हर उस व्यक्ति के लिए उत्तर है जिनका प्रश्न है कि मन के डर को कैसे निकालें।
अपने लक्ष्य की कल्पना करें, जैसे कि वह पहले ही पूरा हो चुका हो।
इसके उलट गलत काम करने वाले लोग हमेशा डरे डरे रहने लगते हैं.
हमें ऐसा लगता है की जैसे हम कुछ कर ही नहीं पायेंगे और हमें ऐसी स्थिति से बचने के लिए भाग लेना चाहिए.
सभी इंसानों में उनके विचार, निर्णय और आदतें छ: मानवीय जरूरतों से प्रभावित रहतीं है। हममें से बहुतों के लिए निश्चित चीजों का होना एक जरूरत है। जब कभी हमारे साथ ऐसा कुछ होने लग जाता है जिसके विषय में हमने कभी सोचा नहीं तो हमें डर लगने लगता है, कुछ अनिश्चित होने का डर ही हमें हमारे कंफर्ट जोन से बाहर निकलने नहीं देता। जिससे हम कभी अपने डर के आगे देख ही नहीं पाते और एक ही जगह फंसे रहते हैं।
ज्यादा डर लगने से होता यह हैं मन में ऐसे विचार और घटनाएं आने लगती हैं, मन ऐसी घटनाओं की कलपना करने लगता हैं जो वास्तव में घटित ही नहीं हुईं होती हैं। यहीं डर लगने का मूल और असली कारण होता हैं अर्थात् डर लगने से आप और डरते हैं।
फेसबुक गूगल विकीहाउ अकाउंट अकाउंट नहीं है ? अकाउंट बनाऐं
हमारी साइट को यूज़ करने के साथ आप हमारी कुकी पॉलिसी से सहमति जताते हैं।कुकीज़ सेटिंग
मानवीय अनुभवों में यदि हम डर के संकेतों को ढूंढने जाएं तो यह शारिरिक संकेतों से भी गहन दिखलाई पड़ता है क्योंकि यहां डर के कुछ ऐसे भी प्रकार हैं जो बहुत घातक है –
जो बीत गया सो बीत गया। अक्सर website हम बीती हुई बातों को लेकर चिंता में पड़ जाते हैं जैसे कि अगर कुत्तों से डरते हैं तो पहले कभी कुत्तों से कोई बुरा अनुभव हुआ होगा।
कुछ अनिश्चित होने का डर, फेलियर का डर, सभी तरह के डर एक ही जगह से आते हैं – “हमारे लिमिटिग बिलिफ” जों हमें डर के आगे सोचने से रोकता हैं।